नीतीश के नाक के नीचे हुआ यह खेल, कितना रंग लाएगा तेजस्वी यादव का गुस्सा?
- लालू यादव बिहार चुनाव के दौरान 'बंच ऑफ थॉट्स' लेकर घूम रहे थे
- पुख्ता सबूत नहीं होने के बावजूद मामला दर्ज कराने के लिए बेहद जल्दबाजी
- अपने खास बिहारी अंदाज से दिया था झटका
BY Gulzar Hussain
CBI निदेशक आलोक वर्मा ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव के खिलाफ रची जा रही साजिश का भंडाफोड़ कर भाजपा के बड़े नेताओं को कठघरे में खड़ा कर दिया है। वहीं इस मुद्दे को लेकर सबसे जरूरी सवाल यह है कि आखिर लालू यादव के खिलाफ साजिश रचने वाले चाहते क्या हैं? वर्मा ने यह भी आरोप लगाया है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इन सारे मामले की जानकारी थी। इस खुलासे के बाद आक्रोशित राजद नेता तेजस्वी यादव ने भाजपाइयों के साथ- साथ नीतीश कुमार पर भी जमकर निशाना साधा है। दूसरी ओर इस मुद्दे पर सोशल मीडिया पर भी तूफान मच गया है। लालू यादव के समर्थन में लोग खुलकर लिख रहे हैं।
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सफलता के दिनों की खुशी/ File photo: Lalu yadav |
CBI निदेशक आलोक वर्मा ने जिस तरह पीएमओ के साथ बिहार के भाजपा नेता सुशील मोदी पर लालू यादव को जल्दबाजी में गिरफ्तारी करवाने की साजिश रचने का आरोप लगाया है, उससे बिहार की राजनीति सुलग उठी है। इस खुलासे से साफ जाहिर है कि बिहार भाजपा किस तरह लालू यादव को घेरने के लिए व्याकुल थी।
गौरतलब है कि 'द वायर' की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट के मुताबिक CBI निदेशक आलोक वर्मा ने भाजपा को असमंजस में डाल दिया है। रिपोर्ट के अनुसार CBI निदेशक आलोक वर्मा ने सीवीसी को प्रस्तुत उत्तर में आरोप लगाया है कि आईआरसीटीसी घोटाले की जांच के समय विशेष निदेशक राकेश अस्थाना, बिहार के उप मुख्यमंत्री और भाजपा नेता सुशील मोदी के साथ प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के एक वरिष्ठ अधिकारी के संपर्क में बने हुए थे। वर्मा ने आरोप लगाया है कि पुख्ता सबूत नहीं होने के बावजूद लालू यादव के खिलाफ मामला दर्ज कराने के लिए बेहद जल्दबाजी दिखाई जा रही थी। इस आरोप से साफ जाहिर है कि लालू यादव को बेवजह केस में फंसाकर उन्हें गिरफ्तार करने की साजिश रची जा रही थी। CBI निदेशक आलोक वर्मा ने जिस तरह पीएमओ के साथ बिहार के भाजपा नेता सुशील मोदी पर लालू यादव को जल्दबाजी में गिरफ्तारी करवाने की साजिश रचने का आरोप लगाया है, उससे बिहार की राजनीति सुलग उठी है। इससे साफ जाहिर है कि बिहार भाजपा किस तरह लालू यादव को घेरने के लिए व्याकुल थी।
लालू यादव लाख विपरीत परिस्थितियों से घिरे रहे, लेकिन इसके बावजूद वे चुप नहीं बैठे और भाजपा की पोल खाेलते रहे। बिहार में चुनाव जीतने को अपने नाक का सवाल बना चुकी भाजपा को यह पटखनी खल गई थी।
'लहर' को अपने खास बिहारी अंदाज से दिया था झटका
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव जितना देसी अंदाज में बेबाक बयानबाजी के लिए चर्चित रहे हैं उतना ही उन्हें मिट्टी से जुड़ी सामाजिक न्याय की राजनीति के लिए भी जाना जाता रहा है। वे दलित, पिछड़े और माइनॉरिटीज के बीच खासे लोकप्रिय हैं। हालांकि दूसरी तरफ चारा घोटाले को लेकर उनपर लगे आरोपों से वे बार-बार मुसीबत में घिरते रहे हैं। इस आरोप ने उनके लंबे सफल राजनीति पर एक तरह से ब्रेक भी लगा दिया है, लेकिन उनकी लोकप्रियता लगातार बढ़ती रही है। इसका सबसे बड़ा सबूत है बिहार में हुआ पिछला आम चुनाव, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कथित मोदी लहर को अपने खास बिहारी अंदाज से झटका दे दिया था। लालू यादव लाख विपरीत परिस्थितियों से घिरे रहे, लेकिन इसके बावजूद वे चुप नहीं बैठे और भाजपा की पोल खाेलते रहे। बिहार में चुनाव जीतने को अपने नाक का सवाल बना चुकी भाजपा को यह पटखनी खल गई थी।
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File photo |
लालू यादव की वाे अनोखा चुनाव प्रचार...
लालू यादव ने बिहार के पिछले चुनाव में भाजपा को पटखनी देने के लिए जिस तरह 'किताबी राजनीति' का सटीक दांव खेला था, उससे भी आरएसएस और भाजपा के होश उड़ गए थे। गौरतलब है कि लालू यादव बिहार में हुए पिछले चुनाव के दौरान आरएसएस की पुस्तक 'बंच ऑफ थॉट्स' लेकर घूम रहे थे और हर जगह जाकर इसके वंचित जनता विरोधी होने का उल्लेख करते हुए आरएसएस- भाजपा की कलई खोल रहे थे। यह सब भाजपा के लिए निश्चित तौर पर बेहद चिंतित करने वाला था। लालू यादव की इस प्रचार शैली ने भाजपा की गाय की राजनीति को पूरी तरह पछाड़ दिया था।
कलई खोलने में माहिर
मोदी के सत्ता में आने के बाद जहां ज्यादातर पार्टियां बच- बच कर मोदी का विरोध कर रही थीं, वहीं लालू यादव खुले तौर पर मोदी पर निशाना साध रहे थे। अपने बीमार होने से पहले तक पूरे देश में लालू यादव ही ऐसे नेता थे, जो भाजपा के सबसे ताकतवर नेता की नई- पुरानी राजनीतिक चालों कलई खोल रहे थे। ऐसे में यह कहने की जरूरत नहीं है कि लालू यादव किस पार्टी की आंखों की किरकिरी थे।
क्या नीतीश कुमार को घेरने से चमकेगी राजद?
CBI निदेशक आलोक वर्मा ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी इन सारी साजिश की जानकारी होने का आरोप लगाया है। इससे बिहार की राजनीति में तूफान आ गया है। राजद नेता और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने ट्वीटर पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार को पूरी तरह घेर लिया है। उन्होंने लिखा है- ''विस्फोटक ख़ुलासा: CBI निदेशक आलोक वर्मा ने CVC को बताया नीतीश कुमार “हमारे परिवार” पर हो रही CBI कारवाई से पूर्णत: अवगत थे। CBI छापे नीतीश जी की सहमति से ही हुए थे इसलिए वो छापे से पहले दिन ही राजगीर भाग गए थे। यह रिपोर्ट पढ़ नीतीश जी पर दया आ रही है।'' इससे साफ जाहिर है कि बिहार की राजनीति में तेजस्वी तूफान खड़ा करने के मूड में हैं, जिसकी आहट से भाजपा और जदयू बैकफुट पर आ गई है।
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