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Showing posts from October 14, 2018

Amritsar train accident: पुलिस ने नहीं दी थी अनुमति, तो कौन है लाशें बिछाने का जिम्‍मेदार?

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आरोप- प्रत्‍यारोप के खेल से पहले यह सुनिश्चित कीजिए कि फिर न हो ऐसा हादसा पंजाब के अमृतसर में दशहरा के दौरान हुए ट्रेन हादसे से जहां पूरा देश स्‍तब्‍ध है वहीं सवाल यह उठ रहे हैं कि इस घटना का जिम्‍मेदार कौन है? इस बीच पुलिस ने यह स्‍वीकार किया है कि जोड़ा फाटक इलाके में दशहरे के कार्यक्रम की अनुमति उसने आयोजकों को नहीं दी थी। जानकारी के अनुसार पुलिस ने आयोजकों को अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया था, लेकिन उसने यह भी माना है कि कार्यक्रम के लिए नगर- निगम की अनुमति की जरूरत थी। अब यह सवाल गहरा जाता है कि पुलिस की अनुमति नहीं होने के बावजूद कार्यक्रम का आयोजन कैसे हुआ? आरोप- प्रत्‍यारोप का दौर तो जारी है, लेकिन क्‍या इन सबसे यह सुनिश्चित हो पा रहा है कि इस तरह का भीषण हादसा दोबारा नहीं होगा। सवाल और छिड़ी राजनीति के बीच जो सबसे अधिक दुखी हैं वे तो मृतकों के परिवार वाले हैं। जिन्‍होंने अपने परिवार के कई- कई सदस्‍यों को खो दिया है, उनके लिए क्‍या राजनीति और कैसे आरोप- प्रत्‍यारोप। फाटक के पास बसे मोहल्‍ले में मातम पसरा है। हर दूसरे घर से रोने और बिलखने की आवाज आ रही है। किसी ने बेटा- ब

क्‍या कार्यस्‍थलों पर यौन उत्‍पीड़न रोकने में मील का पत्‍थर साबित होगा #MeToo अभियान?

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(Article: Gulzar Hussain) 20 महिला पत्रकारों का यौन शोषण करने के आरोपों से घिरे भाजपाई मंत्री एमजे अकबर के इस्‍तीफे को न्‍याय मांगती स्त्रियों की बड़ी जीत कही जा रही है। इससे यह उम्‍मीद जगी है कि अब कार्यस्‍थलों पर पुरुष बॉस और वरिष्‍ठ सहकर्मियों के उनमुक्‍त यौन दुर्व्‍यवहार पर लगाम लगेगी। Drawing: Gulzar Hussain #MeToo अभियान के तहज एमजे पर आरोप लगाने वाली वरिष्ठ पत्रकार प्रिया रमानी, सुपर्णा शर्मा, सबा नकवी और गज़ाला वहाब सहित प्राय: सभी स्त्रियों ने इस इस्‍तीफे को बड़ी सफलता बताते हुए खुशी जाहिर की है।हालांकि इस मुद्दे पर अभी कोर्ट का फैसला आना शेष है फिर भी इस इस्‍तीफे ने एक सकारात्‍मक राह तो तैयार कर ही दी है। प्रिया रमानी ने ट्विटर पर लिखा है, "एमजे अकबर के इस्तीफे से हमारे आरोप सही साबित हो गए हैं।हमें उस दिन का इंतज़ार है, जब हमें कोर्ट में इंसाफ मिलेगा।" दरअसल #MeToo अभियान के तहत जो स्‍त्रियों में एकजुटता दिखी है, वही इस अभियान की बड़ी ताकत है। प्रसिद्ध नारीवादी सीमोन द बुवा ने 'द सेकंड सेक्‍स' में लिखा है कि स्त्रियों में कहीं भी एकजुटता नहीं होती

#MeToo: सच के सहारे आत्‍मसम्‍मान की लड़ाई, प्रिया रमानी के समर्थन में सोशल मीडिया पर उठी आवाज़

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यौन शोषण के आरोप से बौखलाए भाजपाई मंत्री और पूर्व संपादक एमजे अकबर की ओर से पत्रकार प्रिया रमानी पर मानहानि का मुकदमा किए जाने के बाद सोशल मीडिया में तूफान मच गया है। 97 वकीलों के सहारे प्रिया के आरोपों को झूठा साबित करने की खबर फैलते ही सोशल मीडिया पर लड़कियों और न्‍यायप्रिय पुरुषों ने प्रिया के समर्थन में खुलकर लिखना शुरू कर दिया है। ट्विटर से लेकर फेसबुक तक यौन शोषण के खिलाफ नारेबाजी बुलंद होती जा रही है। ज्‍यादातर पोस्‍ट भाजपा के उस रूख के खिलाफ है, जिसमें वह एमजे अकबर का बचाव करती दिखाई दे रही है। दरअसल एमजे की ओर से कानूनी कार्रवाई के बाद प्रिया रमानी ने जो बयान दिया है वह नई पीढ़ी की लड़कियों के लिए क्रांति की मशाल की तरह है। प्रिया ने कहा है कि,  'मैं अपने ख़िलाफ़ मानहानि के आरोपों पर लड़ने के लिए तैयार हूं। सच और केवल सच ही मेरा बचाव है।' इस तरह अब स्त्रियों के आत्‍मसम्‍मान की यह लड़ाई सच के सहारे लड़ी जा रही है। Drawing: Gulzar Hussain  लोग सवाल पूछ रहे हैं कि यदि भाजपा बेटी के उज्‍ज्‍वल भविष्‍य की बात करने वाली पार्टी है, तो वह अपने मंत्री एमजे को बचाती क्‍