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Showing posts from October 21, 2018

उस हरफनमौला कलाकार को भुलाना आसान नहीं

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वे हरफनमौला और मेहनती कलाकार थे। हां, जब मैं कवि  आज़ाद   ( Kavi  Azad   )  से मिला था, तो उनकी चुस्ती-फुर्ती देखकर दंग रह गया था। तब मैं नया-नया मुंबई आया ही था। एक दिन अंधेरी स्टेशन पर वे दिख गए।  उन दिनों मुझे कोई काम-धाम तो था नहीं, इसलिए उनसे खूब गप्पे लड़ाने लगा। तब वे टीवी की दुनिया में जमे कलाकार थे। आज हर जगह उनका नाम कवि कुमार आज़ाद लिखा दिखाई देता है, लेकिन जब उन्होंने एक कागज के टुकड़े पर अपना मोबाइल नंबर मुझे दिया दिया था, तो उस पर कवि आज़ाद लिखा था, इसलिए उनका वही नाम जुबान पर चढ़ा है।    अभिनय में खोए आज़ाद  वे गजब के जिंदादिल इंसान थे। कंधे पर हाथ रख कर खूब ठहाके लगाते हुए किस्से सुनाते। बिहार से वे भी थे और मैं भी,  इसलिए   जोड़ी जम गई। वहीं, स्टेशन पर उन्होंने दो वड़ा पाव लिए और हम दोनों खाते हुए गप्प में मशगूल हो गए। उन्होंने बताया कि वे एक धांसू कहानी पर स्क्रिप्ट लिख रहे हैं और जल्द ही रामगोपाल वर्मा से मिलेंगे। तभी मैंने जाना कि एक एक्टर के अंदर एक लेखक हिलोरें ले रहा है। वे एक दिन किसी प्रोड्यूसर से मिलने जा रहे थे। मैं भी साथ था। उस दिन मैंने देखा कि उन्

रिश्‍वत के आराेपों से लथपथ होने के बाद कितनी विश्‍वसनीय रह जाएगी CBI?

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लालू यादव पर शिकंजा कसने वाले सीबीआई के स्‍पेशल डायरेक्‍टर अस्‍थाना निकले घूसखोरी के आरोपी (Analysis: Gulzar Hussain) सीबीआई में शीर्ष दो अधिकारियों में करोड़ों की घूसखोरी को लेकर आरोप- प्रत्‍यारोप की लड़ाई इतनी आगे बढ़ चुकी है कि पीएमओ को इसमें हस्‍तक्षेप करना पड़ा है। लेकिन इसके बावजूद पहली बार सीबीआई की इतनी बड़ी फजीहत से न केवल केंद्रीय जांच एजेंसी की साख खराब हुई है, बल्कि मोदी सरकार पर भी सवाल उठने लगे हैं। यहां तक कहा जा रहा है कि केंद्रीय जांच एजेंसी टूटने की कगार पर पहुंच चुकी है। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर सारा खेल पेचीदा है, लेकिन तस्‍वीर बिल्‍कुल साफ है। CBI ने जब अपने ही स्‍पेशल डायरेक्‍टर राकेश अस्थाना के ख़िलाफ़ मीट कारोबारी मोइन क़ुरैशी के मामले में जांच के घेरे में चल रहे एक कारोबारी सतीश सना से दो करोड़ रुपए की रिश्वत लेने का आरोप लगा दिया, तो मामला तूल पकड़ गया। एफआईआर दर्ज होने से बौखलाए अस्थाना ने सीबीआई चीफ को ही लपेटे में ले लिया और उन पर ही करोड़ों की घूसखोरी का आरोप लगा दिया। जरा सोचिए कि सीबीआई के दो आला अफसरों के इस पोल खोल महायुद्ध से देश की जनता के सामने स