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Showing posts from December 2, 2018

चैत्‍यभूमि पर बाबासाहेब आंबेडकर के चाहने वालों का पुस्‍तक प्रेम

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Photo by Gulzar Hussain सबसे अधिक भीड़ शिवाजी पार्क में लगे पुस्‍तक मेले में थी। बाबासाहेब लिखित और आंबेडकरवादी साहित्‍य को खरीदने के लिए लोग लाइन लगा कर खड़े थे। यहां बाबासाहेब की हर प्रसिद्ध पुस्‍तक उपलब्‍ध थीं। मराठी, अंग्रेजी से लेकर हिंदी तक, सभी तरह की किताबें यहां थी और थी उत्‍सुक पाठकों की भीड़।   By Gulzar Hussain मुंबई के दादर रेलवे स्‍टेशन से चैत्‍यभूमि ( Chaitya Bhoomi)   की ओर जाने वाली राह पर दिन भर बाबासाहेब आंबेडकर ( Babasaheb Ambedkar ) के चाहने वालों का तांता लगा रहा। बाबासाहेब के महापरिनिर्वाण दिवस पर दूर- दूर से चैत्‍यभूमि पहुंच कर लोग उन्‍हें श्रद्धांजलि दे रहे थे और जय भीम के नारे लगा कर अपना प्रेम प्रदर्शित कर रहे थे। Photo: Gulzar Hussain चैत्‍यभूमि तक जाने वाली सड़क के दोनों ओर बाबासाहेब की तस्‍वीरें, उनकी प्रसिद्ध किताबें और गौतम बुद्ध की मूर्तियों की दुकानें सजी थीं। लोग खरीदारी करने में व्‍यस्‍त थे। जगह- जगह बिस्‍कुट- चाय के अलावा अन्‍य नाश्‍ते की सामग्री मुफ्त बांटी जा रही थी, ताकि दूर- दराज से आए लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो।

Bulandshahr violence:आदमखोर भीड़ के मुंह इंसान का खून किसने लगाया?

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आदमखोर गिरोह के मुंह इंसान का खून लग गया है, इसलिए यह अखलाक हो या सुबोध, किसी को नहीं बख्‍श रहा है। आखिरकार उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर (Bulandshahr) में फिर यह गिरोह गाय के नाम पर उग्र हुआ और न्‍यायप्रिय इंस्‍पेक्‍टर सुबोध कुमार सिंह (Subodh Kumar Singh) की खून पीकर ही माना। Symbolic  Photo by  Hasan Almasi  on  Unsplash Viewpoint :  Gulzar Hussain कहते हैं कि आदमखोर जानवर के मुंह एक बार खून लग जाए, तो वह खून का प्‍यासा हो जाता है। ऐसा ही कुछ गाय के नाम पर हिंसा फैलाने वाले गिरोह के साथ हो गया है। इस आदमखोर गिरोह के मुंह भी इंसान का खून लग गया है, इसलिए यह अखलाक हो या सुबोध, किसी को नहीं बख्‍श रहा है। आखिरकार उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर (Bulandshahar) में फिर यह गिरोह गाय के नाम पर उग्र हुआ और न्‍यायप्रिय इंस्‍पेक्‍टर सुबोध कुमार सिंह (Subodh Kumar Singh) की खून पीकर ही माना। यहां सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि इस आदमखोर गिरोह के मुंह इंसान का खून लगाया किसने? गाय के नाम पर राजनीति करके अफवाहों की आड़ में इंसानों को मरवाने का सिलसिला शुरू किया किसने? एक खास किस्‍म की कट्टर रा

A Sunset of the City: दादर चौपाटी की रेत पर

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Photo by Gulzar Hussain By Gulzar Hussain घोड़े पर एक छोटी सी लड़की बैठी है...वह जोर जोर से खिलखिला रही है ...घोड़े का लगाम थामे एक युवक उसे समुद्री रेत पर इधर से उधर ले जा रहा है ...रेत पर बैठे लोग भुट्टे और भेलपुरी खाते हुए समंदर की ठंडी हवा का आनंद ले रहे हैं ...कुछ बच्‍चे रेत का महल बना रहे हैं और कुछ बच्‍चे रेत में पैर घुसाकर मुस्‍कुरा रहे हैं ...तभी एक तमाशा दिखाने वाली लड़की मेरे नजदीक आ खड़ी होती है ...मैं उसकी आंखों में पसरा दुख देखने की कोशिश करता हूं ... Photo by Gulzar Hussain Photo by Gulzar Hussain Photo by Gulzar Hussain हां, यह मुंबई का एक प्रसिद्ध समंदर का किनारा है-दादर चौपाटी ( Dadar Chowpatty) । लोग डूबते सूरज को (Sunset) देखने के लिए बेसब्र हुए जा रहे हैं। अब थोड़ी ही देर में सूरज डूबने लगेगा और इसकी चमक फीकी पड़ जाएगी। दादर का समुद्र तट बाबासाहेब आंबेडककर की चैत्‍यभूमि से थोड़ी दूर पर है, तो जो लोग बाबासाहेब की चैत्‍यभूमि पर आते हैं वे समंदर की रेत पर टहलकर सूर्यास्‍त का भी आनंद ले लेते हैं। रेत पर चाट और भेलपुरी की दुकानों के पास ही ग