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बारुदगंध पसरण्यापूर्वी : हिन्दी से अनूदित कविता

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Photo by  Girish Dalvi  on  Unsplash  पहली बार मेरी किसी कविता का अन्य भारतीय भाषा में अनुवाद हुआ है, इसलिए इसे अपने ब्लॉग पर रखने की इच्छा को रोक नहीं सका। मेरी कविता ‘बारूद की गंध फैलने से पहले’ का अनुवाद लेखक और अनुवादक भरत यादव ने इतनी खूबसूरती से किया है कि यह मराठी भाषा में ही लिखी गई कविता लगती है। उन्हें बहुत-बहुत धन्यवाद।                                                                                                                                                            बारुदगंध पसरण्यापूर्वी / (बारूद की गंध फैलने से पहले)                           -मूल कविता-  Gulzar Hussain                            -मराठी अनुवाद- Bharat Yadav या या समुद्रकिनारी या या हवेमध्ये बारुदाचा तिखट गंध भरुन जाण्यापूर्वी इथली जीवनदायिनी हवा फुफ्फुसात भरुन घ्या या पहा समुद्राच्या लाटांवर ऐटीत मिरवणारे ऊन ज्याचे तेज हातात घेऊन आपल्या डोळ्यात लपवणारी प्रेयसी बघत आहे प्रियकराकडे एकटक या अनुभवा हवेत पसरलेले मानव-चुंबनाचे ऊर्जादायी तरंग जे शतकांपासून माणसामध्ये निर्माण