इंसानियत का परचम लहराते 'दोस्ती' के गाने
फिल्म 'दोस्ती' के लिए मजरूह सुल्तानपुरी के लिखे इस गाने में जितना दर्द छलकता दिखाई देता है, उतना ही मानवीय प्रेम का ऐलान भी सुनाई पड़ता है। यह गाना इंसान को इंसान के प्रति हमदर्दी रखने का पहला सबक याद दिलाता है। पहली पंक्ति में ही गीतकार कहता है कि 'मैं तुम्हारी तरह एक इंसान हूं।' BY Gulzar Hussain "जाने वालों जरा मुड़ के देखो मुझे, एक इंसान हूं, मैं तुम्हारी तरह..." यह केवल फिल्मी गाना नहीं है, बल्कि मजरूह की कलम से उतरी वह हकीकत है, जिसे सदियों से इंसान अपने मन में बसाए है। दरअसल 'मैं भी इंसान हूं' कहना उन कट्टरपंथी समूहों के लिए एक जवाब भी है जो इंसान को इंसान मानने से इनकार करते रहे हैं। वर्तमान में जब दुनियाभर के ताकतवर-कट्टर समूह इंसान को जानवरों से भी कमतर आंक रहे हैं , तब इस गाने का महत्व उभर कर सामने आता है। 'दोस्ती' फिल्म गाने का यादगार दृश्य फिल्म 'दोस्ती' के लिए मजरूह सुल्तानपुरी के लिखे इस गाने में जितना दर्द छलकता दिखाई देता है, उतना ही मानवीय प्रेम का ऐलान भी सुनाई पड़ता है। यह गाना इंसान को इंसान के प