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Showing posts from March 31, 2019

नोटबंदी के नाम पर वोट क्‍यों नहीं मांग रहे मोदी?

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viewpoint: Gulzar Hussain लोकसभा चुनाव को जीतने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एड़ी चोटी का जोड़ लगाए हुए हैं, लेकिन इसके बावजूद वे नोटबंदी ( demonetisation)  और जीएसटी के नाम पर वोट नहीं मांग रहे हैं। मोदी ही नहीं, बल्कि भाजपा का हर छोट-बड़ा नेता नोटबंदी जैसे मुद्दे पर एक शब्‍द नहीं बोल पा रहा है। भाजपा की चुनावी सभाओं में कहीं से नोटबंदी को लेकर कहीं कोई आवाज नहीं उठ रही है, लेकिन दूसरी ओर लंबी चुप्‍पी के बाद मोदी ने एक इंटरव्‍यू में यह साफ किया है कि नोटबंदी राष्‍ट्रहित में था, राजनीतिक हित में नहीं था। इसे मान भी लिया जाए फिर भी जनता यह तो पूछेगी ही कि आखिर नोटबंदी से क्या हुआ? यदि नोटबंदी राष्‍ट्रहित में था, तो इससे देश का क्या भला हुआ? कितना ब्लैक मनी आया? कितने मुनाफाखोरों का भंडाफोड़ हुआ? तो इतना तो तय है कि मोदी इस मुद्दे को चुनावी मुद्दा बनाते घबरा रहे हैं, क्योंकि उनके मन में भी यह है कि जनता इसको लेकर भड़क सकती है। यह बड़ा ही अजीब लगता है कि जिस नोटबंदी को भाजपाई नेता-कार्यकर्ता एक सुर से मोदी का सबसे महात्‍वाकांक्षी कदम मानते थे, अब वे ही चुनाव प्रचार में उसके बार

कांग्रेस के घोषणा पत्र का क्या जवाब है भाजपा के पास?

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दावा किया है कि इसमें कोई वादा झूठ पर आधारित नहीं है। यह तो आने वाला समय बताएगा कि कांग्रेस अपना वादा कितना निभा पाती है, लेकिन इतना जरूर है कि इन वादों का सीधा वार मोदी सरकार पर है।  viewpoint: Gulzar Hussain कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र ( Congress manifesto)  का राजनीतिक दांव फेंककर भाजपा के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। कांग्रेस के घोषणा पत्र में जो वादे किए गए हैं, वह इतनी सूझबूझ के साथ तैयार किए गए हैं, जिनका जवाब देना भाजपा के लिए आसान बिल्कुल नहीं होगा। यदि हम कांग्रेस के घोषणा पत्र के पांच बड़े वादों का जिक्र करें, तो उससे भाजपा पर सीधा निशाना देखा जा सकता है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दावा किया है कि इसमें कोई वादा झूठ पर आधारित नहीं है। यह तो आने वाला समय बताएगा कि कांग्रेस अपना वादा कितना निभा पाती है, लेकिन इतना जरूर है कि इन वादों का सीधा वार मोदी सरकार पर है। इसे इस तरह भी कहा जा सकता है कि मोदी सरकार जिन वादों को पूरा करने में पांच साल में पूरी तरह असफल रही है, उन्हीं मुद्दों पर कांग्रेस ने अधिक फोकस रखा है।