रविदास मंदिर का हो पुनर्निर्माण, भाजपा के मौन पर उठे सवाल
दिल्ली का रामलीला मैदान / तस्वीर:दिलीप मंडल के FB पोस्ट से साभार शहरी विकास मंत्रालय के अधीन आने वाले डीडीए ने की थी तोडू कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा पिछले दिनों दिल्ली के तुग़लकाबाद में गुरु रविदास मंदिर ( Ravidas temple) के ढहाए जाने का जोरदार विरोध शुरू हो गया है। दिल्ली (Delhi) में मंदिर के पुनर्निर्माण की मांग को लेकर बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर गए। लोग भाजपा सरकार के मौन पर सवाल उठा रहे हैं। लोगों का कहना है कि जिस डीडीए ने संत रविदास के मंदिर को तोड़ा है, वह भाजपा सरकार के शहरी विकास मंत्रालय के अधीन आता है, तो फिर भाजपा सरकार ने मंदिर को बचाने के बदले उसे तोड़ने में अपनी ताकत क्यों लगा दी? वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल ( Dilip C Mandal ) ने फेसबुक पर लिखा है- 'दिल्ली के जिस रविदास गुरुघर या मंदिर के लिए इब्राहिम लोदी ने ज़मीन दी। पूरे लोदी वंश और मुग़ल वंश के समय जो मंदिर सुरक्षित रहा। जिस मंदिर को अंग्रेज़ों ने भी नहीं छेड़ा, विभिन्न पार्टियों की सरकारों के समय जो मंदिर शान से खड़ा रहा, उसे