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Showing posts from November 11, 2018

बाल दिवस पर बच्‍चों को उदास कर गई यह खबर, नहीं रहे स्‍पाइडर मैन के रचयिता Stan Lee

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बच्‍चों के चहेते स्पाइडर मैन, हल्‍क, आयरन मैन, ब्लैक पैंथर, और एवेंजर्स जैसे साहसी सुपरहीरो ली की बेहतरीन कल्‍पनाशक्ति की ही उपज थे। बच्‍चे जिस स्‍पाइडरमैन के सा‍हसिक कारनामों को देखकर दांतों तले उंगली दबा लेते थे उस स्‍पाइडरमैन के रचयिता स्टैन ली (Stan Lee) अब इस दुनिया में नहीं रहे। ली का देहांत सोमवार को हुआ और आज बाल दिवस पर बच्‍चों को यह खबर बेहद उदास कर गई। Stan Lee/  File photo ली केवल स्‍पाइडरमैन के जनक ही नहीं, बल्कि 'एक्समैन', 'एवेंजर्स' और 'ब्लैक पैंथर' के निर्माता भी थे। ली बहुत कम उम्र 1939 में 'मार्वल' कॉमिक्स से जुड़ गए थे और आखिरी वक्त तक कॉमिक्स से उनका जुड़ाव रहा। बच्‍चों के चहेते स्पाइडर मैन, हल्‍क, आयरन मैन, ब्लैक पैंथर, और एवेंजर्स जैसे साहसी सुपरहीरो ली की बेहतरीन कल्‍पनाशक्ति की ही उपज थे। ली  अपने कैरेक्टर पर बनी फिल्मों में छोटी सी भूमिका भी किया करते थे। 'एवेंजर्स: इनफिनिटी वॉर' में ली एक ड्राइवर के रोल में  दिखे थे।  ऑस्ट्रेलियाई फिल्मकार जेम्स वॉन ने ट्वीट किया है कि ली सही मायने में महान थे। अब मेरे द

TIPU SULTAN अंग्रेजी साम्राज्‍यवाद से लोहा लेने वाले शासक थे, क्‍या कहते हैं इतिहासकार- पत्रकार?

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सोशल मीडिया पर जमकर टीपू सुल्‍तान के मुद्दे पर चर्चा हो रही है। इतिहासकारों, लेखकों- पत्रकारों ने खुलकर टीपू की महानता और उल्‍लेखनीय कार्यों पर कलम चलाई है। BY Gulzar Hussain मैसूर राज्य के शासक टीपू सुल्तान (TIPU SULTAN) (1750-1799) को इतिहास अंग्रेजी साम्राज्‍यवाद से लोहा लेने वाला महान शासक कहता है, तो वहीं दूसरी तरफ आरएसएस- भाजपा वाले उसे धर्मांध बताते नहीं थकते। कर्नाटक सरकार टीपू सुल्तान की जयंती पर वर्षों से कार्यक्रम आयोजित करती आई है, लेकिन भाजपा इसका पुरजोर विरोध करती रही है। गौरतलब है कि इस साल टीपू की जयंती पर भी भाजपा वालों ने विरोध तो किया, लेकिन यह बहुत ही ठंडा विरोध रहा। उनके विरोध के ठंडा पड़ने के पीछे जो भी कारण रहे हों, लेकिन सोशल मीडिया पर तो जमकर टीपू के मुद्दे पर चर्चा हो रही है। लेखकों- पत्रकारों ने खुलकर टीपू की महानता और उल्‍लेखनीय कार्यों की चर्चा की है। File photo वरिष्‍ठ पत्रकार दिलीप मंडल  ( Dilip C Mandal )  ने अपने फेसबुक पोस्‍ट में टीपू की वीरता का उल्‍लेख किया है। वे इसे हिंदू-मुसलमान का मामला नहीं मानते हैं। वे लिखते हैं-  ''जब टीपू

सभी के जीवन में कला होनी चाहिए: भूपाली तांबोली

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  Bhupali Tamboli and   Lalit Parimoo  / Photo by Milind tambe  Interview:  Gulzar Hussain  (साक्षात्कार: गुलज़ार हुसैन) नृत्यांगना और अभिनेत्री भूपाली तांबोली ( Bhupali Tamboli)   ने कहा है कि सबके जीवन में कोई न कोई कला होनी चाहिए, क्योंकि यह इंसान को जीने की राह बताता है और मन को तनाव से मुक्त रखता है। नृत्य की बारीकियों को उन्होंने समझाया और उन्होंने बताया कि वे बहुत कम उम्र से वे नृत्य कला से जुड़ी हैं। उन्होंने बताया कि वे नृत्य करने के अलावा नृत्य सिखाती भी हैं। झनक नृत्य एकेडमी ट्रेनिंग सेंटर में वे नृत्य कला सिखाती हैं। यह सेंटर गंदर्भ महाविद्यालय से एप्रूव्ड है। मराठी रंगमंच की दुनिया में भी भूपाली तांबोली सक्रिय रहीं हैं। मराठी थियेटर ‘अवतरण कला मंच’ के जरिए अपने अभिनय कला का प्रदर्शन करती रही हैं। भूपाली ने बताया कि उन्होंने प्रोग्रेसिव ड्रामेटिक एसोसिएशन से एक्टिंग का कोर्स भी किया है। नृत्य और अभिनय में गहरी रुचि भूपाली ने बताया कि नृत्य और अभिनय में उनकी गहरी रुचि है। वे रंगमंच पर अपने अभिनय के रंग बिखेर चुकी हैं। अभिनय में भी उनकी रुचि है। वे अपने पति और

बिहार पहुंची MOB LYNCHING की आग: आखिर क्‍या पाना चाहते हैं ऐसे हिंसक गिरोह?

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  Mob Lynching    (मॉब लिंचिंग) की आग अब बिहार पहुंचकर लोगों को झुलसाने लगी है। सीतामढ़ी में तीन हफ्ते पहले एक बुज़ुर्ग जैनुल अंसारी की हत्‍या भीड़ ने पीट- पीटकर कर दी थी, जिसके बाद पुलिस के ठंडेपन पर सवाल उठने लगे हैं। आरोप लगे हैं कि पुलिस अब हत्‍यारों को बचा रही है। इस आरोप में दम इसलिए लग रहा है, क्‍योंकि पुलिस अब तक एक भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पाई है। Symbolic Photo by  Tim Marshall  on  Unsplash खबर है कि वृद्ध अंसारी को हिंसक भीड़ ने गला रेता और आग के हवाले कर दिया। यह आश्‍चर्य की बात है कि कोई हिंसक भीड़ आखिर क्‍यों किसी निहत्‍थे बूढ़े को तड़पा- तड़पाकर मारने का आनंद लेना चाहती है? गौरतलब है कि पिछले कुछ सालों में उत्‍तर प्रदेश, राजस्‍थान सहित देश के अन्‍य हिस्‍सों में लगभग 40 लोग मॉब लिंचिंग के शिकार हो चुके हैं। शिकार होने वालों में ज्‍यादातर गरीब- मेहनतकश लोग ही हैं। इनमें से अधिकांश लोगों को या तो एक विशेष जानवर के बहाने मार दिया गया या फिर सांप्रदायिकता के जहर के कारण जान ले ली गई। वृद्ध अंसारी को मारने वाले हिंसक गिरोह के लोगों या उनका समर्थन करने वाले लोगो