#MeToo के तहत बोल रही हैं लड़कियां, गौर से सुनिए
(Article: Gulzar Hussain) लड़कियां बोल रही हैं, लेकिन कुछ लोगों को उनकी आवाज़ आज खल रही है। दरअसल लड़कियों ने पुरुषों की ओर से बनाए पुरुषवादी किले की नींव में सेंध लगा दी है, जिससे किले के गिरने का खतरा पैदा हो गया है, इसलिए इससे कुछ लोगों को डर लगने लगा है। #MeToo के तहत लड़कियों ने अपनी आपबीती से सोशल मीडिया को भर दिया है, जिससे कई पुरुषों के भोले- भाले चेहरे वाले मुखौटे हट गए हैं और डरावना चेहरा सामने आ गया है। Drawing: Gulzar Hussain लड़कियों की आपबीती बेहद डरावने पुरुषवादी यातना शिविरों से रू-ब-रू कराती है। यह सदी की सबसे डरावनी हॉरर फिल्म से भी भयावह है, जिसमें लड़कियों के जिस्म की तरफ बढ़ते बड़े नाखूनों वाले हाथ हैं, लेकिन इन हाथों को रोकने वाला कोई अवतारी धर्म-पुरुष इस पूरे परिदृश्य में नहीं है। लड़कियों के जिस्म की तरफ बढ़ते हुए ये हाथ किसी ड्रैकुला के नहीं, बल्कि अपने रिश्तेदारों, दोस्तों, अपरिचितों, बॉसों, सहकर्मियों के हैं। मासूम लड़कियों को ये खूनी हाथ लहूलुहान कर रहे हैं और उसके अपने भी चुपचाप खड़े तमाशा देख रहे हैं। इस आंदोलन ने फिल्म और राजनीति से लेकर