देश के बारे में चिंता करने को गद्दारी का नाम न दो
Naseeruddin Shah/ YouTube ScreenGrab BY Gulzar Hussain मैं यह जानता हूं कि नसीरुद्दीन शाह ( Naseeruddin Shah) की बात का बतंगड़ बनाकर जो चंद कट्टरपंथी संगठन बवाल किए हुए हैं, उनकी बात को गंभीरता से लिया जाना ठीक नहीं है। मुझे यह भी पता है कि नसीर ने देश की स्थिति पर चिंता जताते हुए जो बात कही है, वह कट्टरपंथियों के लिए कोई मुद्दा नहीं है, क्योंकि नसीर यदि इससे हट कर कुछ और कहते तो भी उनके विरोध में इसी तरह नफरतवादी गिरोह को आग उगलना ही था। लेकिन यदि वे कुछ और भी कहते, तो भी यह कट्टर गिरोह उन्हें ऐसे ही अपमानित करता। मसलन वे यदि बुलंदशहर पर न बोलकर अखलाक या जज लोया पर चिंता जताते या फिर दाभोलकर, गौरी लंकेश, रोहित वेमुला और गोविंद पानसरे को लेकर कुछ कहते तो क्या यह कट्टर गिरोह उन्हें चैन से रहने देता? नसीरुद्दीन शाह ( Naseeruddin Shah) ने बुलंदशहर हिंसा पर चिंता जताते हुए कहा था कि एक पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या से ज्यादा गाय पर ध्यान दिया जा रहा है। लेकिन यदि वे कुछ और भी कहते, तो भी यह कट्टर गिरोह उन्हें ऐसे ही अपमानित करता। मसलन वे यदि बुलंदशहर पर न