क्या देशवासियों को लड़ाने की साजिश है मंदिर- मस्जिद की राजनीति? क्या कहता है संविधान?
संविधान के अनुच्छेद 51(क) के अंतर्गत सभी नागरिकों का यह कर्तव्य है कि वे भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करें और उसे अक्षुण्ण रखें। By Gulzar Hussain देश की एकता (Unity) और भाइचारे के ताने- बाने को छिन्न भिन्न करने की साजिश रचना देश के साथ गद्दारी है। किसी भी राजनीतिक पार्टी या संगठन को यह अधिकार नहीं है कि वह देश की एकता और संप्रभुता के साथ किसी भी बहाने खिलवाड़ करे। चाहे वह धर्मांधता का बहाना हो या मंदिर- मस्जिद की राजनीति (Politics) हो, इन सबकी आड़ में देशवासियों को आपस में लड़ाने का खेल बेहद खतरनाक और घटिया है। Symbolic Photo by rawpixel on Unsplash आज जिस तरह हमारे देश के न्यायप्रिय संविधान का अपमान करते हुए एक विशेष संगठन और पार्टी के लोग मंदिर- मस्जिद की राजनीति ( Ramjanmabhoomi-Babri Masjid dispute ) के बहाने सांप्रदायिकता को हवा दे रहे हैं, वह बेहद खतरनाक है। भारत के लोगों का इसी मंदिर- मस्जिद की राजनीति (Mandir Masjid politics) के नाम पर पहले भी बहुत अहित हुआ है, इसलिए जनता को बेहद सतर्क रहने की जरूरत है। जिस तरह पिछले दिनों कई नेताओं की त