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Showing posts from December 10, 2023

-शमीमा हुसैन की लघुकथा : मौसम

आज सुबह से ही सुल्ताना की मूड खराब है। आज जुमा का दिन है। सुल्ताना धर्म-कर्म वाली औरत है। सुबह से रात ईशा की नमाज अदा करने तक वह पूरे दिन मशीन की तरह काम करती है। ईशा की नमाज अदा करने के बाद वह इतनी थक जाती है कि पानी पीने तक का होश नहीं रहता है। सुल्ताना की तीन बहुएं हैं। तीनों अलग-अलग हैं, पर आंगन एक ही है। घर भी तीनों का एक ही आंगन में है। सुल्ताना की चाहत थी कि तीनों साथ में रहें। तीनों बहुओं ने बगावत कर दी नहीं-नहीं, इकट्ठा नही रहना है। सुल्ताना भी आसानी से हार मान गई। उम्र के साथ अक्ल भी पैनी हो गई थी। बहू के मायके के संस्कार भी तो काम आने चाहिए। तीनों अलग हो गए या। अब झमेला खड़ा हुआ। सुल्ताना कहां रहेगी। किसके साथ रहेगी। छोटे बेटे ने ऐलान कर दिया की अम्मी मेरे साथ रहेगी। पर सुल्ताना ने इस प्रस्ताव को नहीं माना। तीन दिनों तक सुल्ताना ने कुछ नहीं खाया। तीन दिन बाद सुल्ताना ने तीनों बहुओं-बेटों को जमा करके फिर से साथ रहने के लिए समझाया, पर बहुएं नहीं मानीं। सुल्ताना ने ऐलान कर दिया की तीनों के यहां एक-एक महीना रहूंगी। बात हो गई, तो तीनों बहुएं खुश हो गईं। पर सुल्ताना अंदर ही