Amritsar train accident: पुलिस ने नहीं दी थी अनुमति, तो कौन है लाशें बिछाने का जिम्मेदार?
आरोप- प्रत्यारोप के खेल से पहले यह सुनिश्चित कीजिए कि फिर न हो ऐसा हादसा
पंजाब के अमृतसर में दशहरा के दौरान हुए ट्रेन हादसे से जहां पूरा देश स्तब्ध है वहीं सवाल यह उठ रहे हैं कि इस घटना का जिम्मेदार कौन है? इस बीच पुलिस ने यह स्वीकार किया है कि जोड़ा फाटक इलाके में दशहरे के कार्यक्रम की अनुमति उसने आयोजकों को नहीं दी थी। जानकारी के अनुसार पुलिस ने आयोजकों को अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया था, लेकिन उसने यह भी माना है कि कार्यक्रम के लिए नगर- निगम की अनुमति की जरूरत थी।
अब यह सवाल गहरा जाता है कि पुलिस की अनुमति नहीं होने के बावजूद कार्यक्रम का आयोजन कैसे हुआ? आरोप- प्रत्यारोप का दौर तो जारी है, लेकिन क्या इन सबसे यह सुनिश्चित हो पा रहा है कि इस तरह का भीषण हादसा दोबारा नहीं होगा। सवाल और छिड़ी राजनीति के बीच जो सबसे अधिक दुखी हैं वे तो मृतकों के परिवार वाले हैं।
जिन्होंने अपने परिवार के कई- कई सदस्यों को खो दिया है, उनके लिए क्या राजनीति और कैसे आरोप- प्रत्यारोप। फाटक के पास बसे मोहल्ले में मातम पसरा है। हर दूसरे घर से रोने और बिलखने की आवाज आ रही है। किसी ने बेटा- बेटी खो दिया, तो किसी ने माता- पिता। यह दर्द तो उम्र भर इनका पीछा नहीं छोड़ेगा, लेकिन इससे उबरते हुए जिंदगी तो आगे बढ़ानी ही है।
निस्संदेह, यह बेहद दुखद हादसा है, लेकिन अब इससे सबक लेकर सतर्क रहने की जरूरत है। सरकारों को अब यह गंभीरता से सोचकर निर्णय करना होगा, कि रेलवे लाइन के किनारे किसी भी भीड़- भाड़ वाले धार्मिक या किसी अन्य कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी जाए।
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