#MeToo के तहत बोल रही हैं लड़कियां, गौर से सुनिए

(Article: Gulzar Hussain)
लड़कियां बोल रही हैं, लेकिन कुछ लोगों को उनकी आवाज़ आज खल रही है। दरअसल लड़कियों ने पुरुषों की ओर से बनाए पुरुषवादी किले की नींव में सेंध लगा दी है, जिससे किले के गिरने का खतरा पैदा हो गया है, इसलिए इससे कुछ लोगों को डर लगने लगा है। #MeToo के तहत लड़कियों ने अपनी आपबीती से सोशल मीडिया को भर दिया है, जिससे कई पुरुषों के भोले- भाले चेहरे वाले मुखौटे हट गए हैं और डरावना चेहरा सामने आ गया है।
Drawing: Gulzar Hussain

लड़कियों की आपबीती बेहद डरावने पुरुषवादी यातना शिविरों से रू-ब-रू कराती है। यह सदी की सबसे डरावनी हॉरर फिल्‍म से भी भयावह है, जिसमें लड़कियों के जिस्‍म की तरफ बढ़ते बड़े नाखूनों वाले हाथ हैं, लेकिन इन हाथों को रोकने वाला कोई अवतारी धर्म-पुरुष इस पूरे परिदृश्‍य में नहीं है। लड़कियों के जिस्‍म की तरफ बढ़ते हुए ये हाथ किसी ड्रैकुला के नहीं, बल्कि अपने रिश्‍तेदारों, दोस्‍तों, अपरिचितों, बॉसों, सहकर्मियों के हैं। मासूम लड़कियों को ये खूनी हाथ लहूलुहान कर रहे हैं और उसके अपने भी चुपचाप खड़े तमाशा देख रहे हैं।


इस आंदोलन ने फिल्‍म और राजनीति से लेकर पत्रकारिता के कई बड़े चेहरों को बेनकाब किया है। चमकते- दमकते और प्रतिभाशाली पुरुषों की एक बड़ी तादाद किस तरह स्त्रियों को एक सेक्‍स ट्वाय समझती रही है, यह चौंकाने वाली सच्‍चाई है। यह सच्‍चाई हमें बताती है कि पुरुषों को हर तरह से सारे ज्ञान दे दिए गए, लेकिन स्त्रियों की इज्‍जत करने का प्राथमिक ज्ञान देने में इस दौर के सारे गुरु असफल हो गए।


आज बोल रही हर लड़की को गौर से सुना जाना चाहिए ताकि लोग अपने बेटों को ठीक से जीना सीखा सकें ...स्त्रियों की इज्जत करना सिखा सकें। यह आंदोलन आने वाली पीढ़ी के पुरुषों को अपनी हमकदम स्त्रियों की इज्‍ज्‍त करना सिखाने में एक बड़ी भूमिका अदा करेगी, क्‍योंकि सलीके से जीने की सीख अब आधी आबादी गुस्‍से से दे रही है।


जरा सोचिए, ...एक लड़की आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने आती है ...एक लड़की आपसे हाथ मिलाकर हर मुश्किल काम पूरा करने का चैलेंज स्वीकार करती है ...कोई लड़की राजनीति, फ़िल्म या कला के क्षेत्र में अपना सपना पूरा करने के लिए आपके साथ एक जगह से दूसरी जगह आती-जाती है ...एक लड़की आपसे गले मिलकर आपको दोस्त मानते हुए आपका सम्मान करती है ...एक लड़की अपने करियर को ऊंचाई तक ले जाने की ऊर्जा से मुस्कुराती हुई आपसे मिलती है...और दूसरी तरफ आप उत्साह से भरकर उसका स्वागत करने की बजाय उसे गलत तरीके से छूकर या घूरकर उसे अपमानित करने लगते हैं, तो सोचिए आप किस तरह के पुरुष हैं।

दरअसल लड़कियों को अपमानित करने के उद्देश्य से हाथ लगाने वाले पुरुष केवल यौन कुंठित ही नहीं, बल्कि लड़कियों के करियर की राह में बड़ी बाधा भी हैं। इसलिए लड़कियों का ऐसे पुरुषों के खिलाफ बोलना बेहद जरूरी है। बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे...

Comments

  1. मेरी कविता जो आपने अपने अखबार में भी इन्टरव्यू में कुछ पंक्तियाँ कोट की थी इसी विषय पर है
    ''यभय का कारण तो जान गई भय से है मुक्त कहाँ नारी 'य

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    1. हां, सही कहा आपने। इंटरव्‍यू के दौरान आपने इस विषय पर कुछ पंक्तिया सुनाईं थी और उस पर विस्‍तार से चर्चा भी की थी।

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