‘जस्टिस फॉर रोहित’ के नारों से गूंज उठी मुंबई
(1 फरवरी 2016 को मुंबई में निकाली गई छात्र रैली की रिपोर्ट और सभी फोटो: गुलज़ार हुसैन)
#Rohith_Vemula
रोहित वेमुला की सांस्थानिक हत्या के मामले में न्याय दिलाने के लिए एक फरवरी को निकाली गई प्रतिरोध रैली में छात्रों और एक्टिविस्टों के जोशीले नारों से मुंबई गूंज उठी। गौरतलब है कि हैदराबाद विश्वविद्यालय के दलित रिसर्च स्कॉलर रोहित की आत्महत्या के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करने की मांग को लेकर मुंबई में विभिन्न कॉलेज के छात्रों ने प्रतिरोध रैली निकाली।
‘जस्टिस फॉर रोहित -ज्वाइंट एक्शन कमेटी, मुंबई’ के मोर्चे के तहत निकाली गई इस रैली में न केवल विद्यार्थी, बल्कि कई सामाजिक संगठन और राजनीतिक पार्टियां भी शामिल थीं। मुंबई के भायखला से विधान भवन के लिए निकाली गई इस रैली का नेतृत्व एड. प्रकाश आंबेडकर ने किया। गौरतलब है कि सुबह 11 बजे विभिन्न आंबेडकरवादी, प्रोग्रेसिव और लोकतांत्रिक छात्र समूह भायखला में रानीबाग के पास जमा हो गए। इस दौरान चप्पे-चप्पे पर पुलिस की कड़ी व्यवस्था थी।
इस आंदोलन में मुंबई के अलावा नवी मुंबई और ठाणे के विभिन्न छात्र संगठन शामिल हुए। यहां आईआईटी बॉम्बे, मुंबई विश्वविद्यालय, टाटा इंस्टिट्यूट आॅफ सोशल साइंस, टाटा इंस्टीट्यूट आॅफ फंडामेंटल रिसर्च, निर्मला निकेतन कॉलेज, सिद्धार्थ कॉलेज, लॉ कॉलेज, रुपारेल कॉलेज, सेंट जेवियर्स कॉलेज, इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ पॉपुलेशन साइंस, विवेकानंद कॉलेज के अलावा कई शैक्षिक संस्थानों से सैकड़ों विद्यार्थी उपस्थित थे। इसके अलावा यहां इस आंदोलन में वाम और दलित पार्टियां शामिल थी।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने भरा उत्साह
प्रतिरोध रैली में छात्र- छात्राओं ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से आंदोलनकारियों में उत्साह भर दिया। छात्राओं की ओर से तबले की थाप पर विशेष रूप से गाए आंबेडकरवादी रचनाओं ने लोगों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। इसके अलावा विभिन्न छात्र समूहों ने भी रोहित वेमुला के मानववादी कार्यों को काव्य पंक्तियों के माध्यम से प्रस्तुत कर आंदोलनकारियों को झूमने पर मजबूर कर दिया। इसके अलावा वाम दल के झंडे तले आईं स्त्रियों ने भी कदमताल मिलाकर रचनात्मक प्रस्तुति दी। इन कार्यक्रमों के साथ-साथ लोगों का कारवां सड़क पर बढ़ता गया।
‘आंबेडकर और भगत सिंह, जिंदाबाद-जिंदाबाद’
इस प्रतिरोध रैली में युवा छात्रों ने जमकर नारेबाजी की। हाथोें में ‘जस्टिस फॉर रोहित’ के बैनर पोस्टर लिए हुए युवा छात्र बाबासाहेब आंबेडकर औरभगत सिंह ‘जिंदाबाद -जिंदाबाद’ के नारे लगा रहे थे। इस दौरान ‘लाठी-गोली की सरकार नहीं चलेगी अबकी बार’, ‘जब-जब जालिम जुल्म करेगा सत्ता के हथियारों से, चप्पा-चप्पा गूंज उठेगा इंकलाब के नारों से’, ‘रोहित और अखलाक की हत्या की जिम्मेदार सरकार मुर्दाबाद-मुर्दाबाद’, ‘एकलव्य हम शर्मिंदा हैंद्रोणाचार्य जिंदा हैं’ के अलावा ‘छीन के लेंगे आजादी’ जैसे नारों से सड़क गूंज उठी। इस दौरान आरएसएस और एबीवीपी के खिलाफ भी खूब नारे लगाए गए।
स्मृति ईरानी सहित अन्य की गिरफ्तारी की मांग
इस प्रतिरोध रैली में रोहित की सांस्थानिक हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई सहित गिरफ्तारी की मांग की गई। एड. प्रकाश आंबेडकर ने रोहित की मौत के दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि वे इस आंदोलन को लेकर बेहद उत्साहित थे और सुबह 11 बजे से पहले ही रानी बाग पहुंच गए थे। प्रतिरोध रैली शुरू होने से पहले उन्होंने प्रत्रकारों के विभिन्न सवालों के जवाब दिए। आंदोलनकारियों ने श्रमिक मंत्री बंडारू दत्तात्रेय, मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी, हैदराबाद विश्वविद्यालय के कुलपति पी. अप्पाराव, चीफ प्रॉक्टर आलोक पांडेय, भाजपा के विधान परिषद के सदस्य रामचंद्र राव और एबीवीपी के राज्य अध्यक्ष सुशील कुमार को अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत गिरफ्तारी की मांग की। इसके अलावा रोहित के परिजनों को उसकी फेलोशिप की बकाया रकम, उसके परिवार के एक सदस्य को हैदराबाद विवि प्रशासन के तहत रोजगार और 50 लाख का मुआवजा तुंरत देने सहित कई अन्य जरूरी मांगें की गई।

#Rohith_Vemula
रोहित वेमुला की सांस्थानिक हत्या के मामले में न्याय दिलाने के लिए एक फरवरी को निकाली गई प्रतिरोध रैली में छात्रों और एक्टिविस्टों के जोशीले नारों से मुंबई गूंज उठी। गौरतलब है कि हैदराबाद विश्वविद्यालय के दलित रिसर्च स्कॉलर रोहित की आत्महत्या के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करने की मांग को लेकर मुंबई में विभिन्न कॉलेज के छात्रों ने प्रतिरोध रैली निकाली।
‘जस्टिस फॉर रोहित -ज्वाइंट एक्शन कमेटी, मुंबई’ के मोर्चे के तहत निकाली गई इस रैली में न केवल विद्यार्थी, बल्कि कई सामाजिक संगठन और राजनीतिक पार्टियां भी शामिल थीं। मुंबई के भायखला से विधान भवन के लिए निकाली गई इस रैली का नेतृत्व एड. प्रकाश आंबेडकर ने किया। गौरतलब है कि सुबह 11 बजे विभिन्न आंबेडकरवादी, प्रोग्रेसिव और लोकतांत्रिक छात्र समूह भायखला में रानीबाग के पास जमा हो गए। इस दौरान चप्पे-चप्पे पर पुलिस की कड़ी व्यवस्था थी।
इस आंदोलन में मुंबई के अलावा नवी मुंबई और ठाणे के विभिन्न छात्र संगठन शामिल हुए। यहां आईआईटी बॉम्बे, मुंबई विश्वविद्यालय, टाटा इंस्टिट्यूट आॅफ सोशल साइंस, टाटा इंस्टीट्यूट आॅफ फंडामेंटल रिसर्च, निर्मला निकेतन कॉलेज, सिद्धार्थ कॉलेज, लॉ कॉलेज, रुपारेल कॉलेज, सेंट जेवियर्स कॉलेज, इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ पॉपुलेशन साइंस, विवेकानंद कॉलेज के अलावा कई शैक्षिक संस्थानों से सैकड़ों विद्यार्थी उपस्थित थे। इसके अलावा यहां इस आंदोलन में वाम और दलित पार्टियां शामिल थी।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने भरा उत्साह
प्रतिरोध रैली में छात्र- छात्राओं ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से आंदोलनकारियों में उत्साह भर दिया। छात्राओं की ओर से तबले की थाप पर विशेष रूप से गाए आंबेडकरवादी रचनाओं ने लोगों को तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। इसके अलावा विभिन्न छात्र समूहों ने भी रोहित वेमुला के मानववादी कार्यों को काव्य पंक्तियों के माध्यम से प्रस्तुत कर आंदोलनकारियों को झूमने पर मजबूर कर दिया। इसके अलावा वाम दल के झंडे तले आईं स्त्रियों ने भी कदमताल मिलाकर रचनात्मक प्रस्तुति दी। इन कार्यक्रमों के साथ-साथ लोगों का कारवां सड़क पर बढ़ता गया।
‘आंबेडकर और भगत सिंह, जिंदाबाद-जिंदाबाद’
इस प्रतिरोध रैली में युवा छात्रों ने जमकर नारेबाजी की। हाथोें में ‘जस्टिस फॉर रोहित’ के बैनर पोस्टर लिए हुए युवा छात्र बाबासाहेब आंबेडकर औरभगत सिंह ‘जिंदाबाद -जिंदाबाद’ के नारे लगा रहे थे। इस दौरान ‘लाठी-गोली की सरकार नहीं चलेगी अबकी बार’, ‘जब-जब जालिम जुल्म करेगा सत्ता के हथियारों से, चप्पा-चप्पा गूंज उठेगा इंकलाब के नारों से’, ‘रोहित और अखलाक की हत्या की जिम्मेदार सरकार मुर्दाबाद-मुर्दाबाद’, ‘एकलव्य हम शर्मिंदा हैंद्रोणाचार्य जिंदा हैं’ के अलावा ‘छीन के लेंगे आजादी’ जैसे नारों से सड़क गूंज उठी। इस दौरान आरएसएस और एबीवीपी के खिलाफ भी खूब नारे लगाए गए।
स्मृति ईरानी सहित अन्य की गिरफ्तारी की मांग
इस प्रतिरोध रैली में रोहित की सांस्थानिक हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई सहित गिरफ्तारी की मांग की गई। एड. प्रकाश आंबेडकर ने रोहित की मौत के दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि वे इस आंदोलन को लेकर बेहद उत्साहित थे और सुबह 11 बजे से पहले ही रानी बाग पहुंच गए थे। प्रतिरोध रैली शुरू होने से पहले उन्होंने प्रत्रकारों के विभिन्न सवालों के जवाब दिए। आंदोलनकारियों ने श्रमिक मंत्री बंडारू दत्तात्रेय, मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी, हैदराबाद विश्वविद्यालय के कुलपति पी. अप्पाराव, चीफ प्रॉक्टर आलोक पांडेय, भाजपा के विधान परिषद के सदस्य रामचंद्र राव और एबीवीपी के राज्य अध्यक्ष सुशील कुमार को अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत गिरफ्तारी की मांग की। इसके अलावा रोहित के परिजनों को उसकी फेलोशिप की बकाया रकम, उसके परिवार के एक सदस्य को हैदराबाद विवि प्रशासन के तहत रोजगार और 50 लाख का मुआवजा तुंरत देने सहित कई अन्य जरूरी मांगें की गई।

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