...तो खूनी खेल भी खेला गया था मुजफ्फरपुर बालिका गृह में, कंकाल मिलने से उठे सवाल


MUZAFFARPUR SHELTER HOME ABUSE CASE
अब तो यह शीशे की तरह साफ होता जा रहा है कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह में अनाथ लड़कियों का यौन शोषण ही नहीं, बल्कि उनकी हत्‍या का खूनी खेल भी खेला जा रहा था। सीबीआई की ओर से मुजफ्फरपुर के सिकंदरपुर श्‍मशान गृह में खुदाई के बाद मिले नर कंकाल के बाद अब हर रहस्‍य से पर्दा हटने का समय आ गया है। हालांकि कंकाल के फॉरेसिंक रिपोर्ट का आना अभी शेष है, लेकिन यह साफ तौर पर दिखाई दे रहा है कि किस कदर मासूम बच्च्यिों के साथ दरिंदगी हुई है।
चित्र: गुलज़ार हुसैन 


गौरतलब है कि कंकाल का मिलना केवल संदेह के तहत नहीं है, बल्कि जानकारी के अनुसार श्‍मशान में खुदाई अभियुक्‍त ब्रजेश ठाकुर के पूर्व ड्राइवर विजय तिवारी के बयान के बाद हुई है। इससे इस संदेह को बल मिलता है कि बालिका गृह में लड़कियों पर जानलेवा जुल्‍म हुए। वहीं इस तरह कंकाल मिलने के बाद यह संदेह भी गहरा गया है कि कहीं कई और लड़कियों को इसी तरह
गायब तो नहीं किया गया। बहरहाल, कंकाल मिलने से यह तो साबित हो ही गया है कि रसूखदार दबंगों ने मासूम बच्चियों पर बेहद जुल्‍म ढाए हैं।

कंकाल मिलने के बाद उन लोगों की मंशा पर भी सवालिया निशान लग गए हैं, जो इसे रसूखदारों को फंसाने की साजिश मान रहे थे।
ज्ञात हो कि मुजफ्फरपुपर पुलिस ने दो महीने पहले बालिका गृह में खुदाई की थी, लेकिन तब वहां कुछ भी नहीं मिला था। उस दौरान इस आशंका को बल मिला था कि आरोपी शायद बेदाग साबित न हो जाएं, लेकिन अब सीबीआई ने जो काम किया है, इससे आरोपी पर शिकंजा कसने की आशा बढ़ गई है। आरोप है कि 2013 में ठाकुर के बालिका गृह (Shelter home) से दो बच्चियों की लाशें मिली थीं। उसी दौरान तीन नाबालिग बच्चियों की शादी कराई गई थी और एक बच्‍ची की लापता होने की खबर थी। लापता बच्‍ची के पते पर जाकर पुलिस ने छानबीन की थी, लेकिन तब पता ही गलत था। 

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