बिहार पहुंची MOB LYNCHING की आग: आखिर क्या पाना चाहते हैं ऐसे हिंसक गिरोह?
Mob Lynching (मॉब लिंचिंग) की आग अब बिहार पहुंचकर लोगों को झुलसाने लगी है। सीतामढ़ी में तीन हफ्ते पहले एक बुज़ुर्ग जैनुल अंसारी की हत्या भीड़ ने पीट- पीटकर कर दी थी, जिसके बाद पुलिस के ठंडेपन पर सवाल उठने लगे हैं। आरोप लगे हैं कि पुलिस अब हत्यारों को बचा रही है। इस आरोप में दम इसलिए लग रहा है, क्योंकि पुलिस अब तक एक भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पाई है।
खबर है कि वृद्ध अंसारी को हिंसक भीड़ ने गला रेता और आग के हवाले कर दिया। यह आश्चर्य की बात है कि कोई हिंसक भीड़ आखिर क्यों किसी निहत्थे बूढ़े को तड़पा- तड़पाकर मारने का आनंद लेना चाहती है?
गौरतलब है कि पिछले कुछ सालों में उत्तर प्रदेश, राजस्थान सहित देश के अन्य हिस्सों में लगभग 40 लोग मॉब लिंचिंग के शिकार हो चुके हैं। शिकार होने वालों में ज्यादातर गरीब- मेहनतकश लोग ही हैं। इनमें से अधिकांश लोगों को या तो एक विशेष जानवर के बहाने मार दिया गया या फिर सांप्रदायिकता के जहर के कारण जान ले ली गई।
वृद्ध अंसारी को मारने वाले हिंसक गिरोह के लोगों या उनका समर्थन करने वाले लोगों से यह पूछा जाना चाहिए कि आखिर ऐसी हिंसा के पीछे उनका मकसद क्या है? ऐसे हिंसक गिरोह की यह कैसी प्यास है, जो इंसान का खून पीने के बाद ही मिट रही है?
पिछले कुछ सालों में मॉब लिंचिंग जिस रफ्तार से बढ़ी है, उससे यह साफ जाहिर है कि इन इंसानी खून की प्यासी भीड़ की पीठ पर बेहद ताकतवर हाथ है। तो जो हिंसा हम देख रहे हैं, क्या उसे राजनीतिक फायदे के लिए भी इस्तेमाल किए जाने की साजिश है? गौर से देखिए इस हालात को तो सब कुछ साफ-साफ दिखाई देगा।
(This Week's Top Stories About Mob Lynching)
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Symbolic Photo by Tim Marshall on Unsplash |
खबर है कि वृद्ध अंसारी को हिंसक भीड़ ने गला रेता और आग के हवाले कर दिया। यह आश्चर्य की बात है कि कोई हिंसक भीड़ आखिर क्यों किसी निहत्थे बूढ़े को तड़पा- तड़पाकर मारने का आनंद लेना चाहती है?
गौरतलब है कि पिछले कुछ सालों में उत्तर प्रदेश, राजस्थान सहित देश के अन्य हिस्सों में लगभग 40 लोग मॉब लिंचिंग के शिकार हो चुके हैं। शिकार होने वालों में ज्यादातर गरीब- मेहनतकश लोग ही हैं। इनमें से अधिकांश लोगों को या तो एक विशेष जानवर के बहाने मार दिया गया या फिर सांप्रदायिकता के जहर के कारण जान ले ली गई।
वृद्ध अंसारी को मारने वाले हिंसक गिरोह के लोगों या उनका समर्थन करने वाले लोगों से यह पूछा जाना चाहिए कि आखिर ऐसी हिंसा के पीछे उनका मकसद क्या है? ऐसे हिंसक गिरोह की यह कैसी प्यास है, जो इंसान का खून पीने के बाद ही मिट रही है?
पिछले कुछ सालों में मॉब लिंचिंग जिस रफ्तार से बढ़ी है, उससे यह साफ जाहिर है कि इन इंसानी खून की प्यासी भीड़ की पीठ पर बेहद ताकतवर हाथ है। तो जो हिंसा हम देख रहे हैं, क्या उसे राजनीतिक फायदे के लिए भी इस्तेमाल किए जाने की साजिश है? गौर से देखिए इस हालात को तो सब कुछ साफ-साफ दिखाई देगा।
(This Week's Top Stories About Mob Lynching)
बहुत घृणित कार्य हो रहा है हमारे देश में। ऐसे कृत्य करनेवालों का मकसद भी समझ में नहीं आ रहा है। पर इससे हिंदू और मुसलमानों के बीच खाई और गहरी होती जायेगी।
ReplyDeleteसही कह रहे हैं आप। इन सबके पीछे मजबूत राजनीतिक साजिश भी है, जो धन बल के सहारे सांप्रदायिक राजनीतिक घुसपैठ करना चाहती है। यह सब रोका जाना बेहद जरूरी है।
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