सभी के जीवन में कला होनी चाहिए: भूपाली तांबोली

 Bhupali Tamboli and Lalit Parimoo / Photo by Milind tambe 

Interview:  Gulzar Hussain  (साक्षात्कार: गुलज़ार हुसैन)

नृत्यांगना और अभिनेत्री भूपाली तांबोली (Bhupali Tamboli) ने कहा है कि सबके जीवन में कोई न कोई कला होनी चाहिए, क्योंकि यह इंसान को जीने की राह बताता है और मन को तनाव से मुक्त रखता है। नृत्य की बारीकियों को उन्होंने समझाया और उन्होंने बताया कि वे बहुत कम उम्र से वे नृत्य कला से जुड़ी हैं। उन्होंने बताया कि वे नृत्य करने के अलावा नृत्य सिखाती भी हैं। झनक नृत्य एकेडमी ट्रेनिंग सेंटर में वे नृत्य कला सिखाती हैं। यह सेंटर गंदर्भ महाविद्यालय से एप्रूव्ड है।
मराठी रंगमंच की दुनिया में भी भूपाली तांबोली सक्रिय रहीं हैं। मराठी थियेटर ‘अवतरण कला मंच’ के जरिए अपने अभिनय कला का प्रदर्शन करती रही हैं। भूपाली ने बताया कि उन्होंने प्रोग्रेसिव ड्रामेटिक एसोसिएशन से एक्टिंग का कोर्स भी किया है।

नृत्य और अभिनय में गहरी रुचि


भूपाली ने बताया कि नृत्य और अभिनय में उनकी गहरी रुचि है। वे रंगमंच पर अपने अभिनय के रंग बिखेर चुकी हैं। अभिनय में भी उनकी रुचि है। वे अपने पति और एक्टर ललित पारिमू के नट समाज थियेटर से जुड़कर हिंदी रंगमंच को अपने अभिनय कला से समृद्ध कर रही हैं।
इसके अलावा मराठी रंगमंच की दुनिया में भी वे सक्रिय रहीं हैं। मराठी थियेटर ‘अवतरण कला मंच’ के जरिए अपने अभिनय कला का प्रदर्शन करती रही हैं। भूपाली ने बताया कि उन्होंने प्रोग्रेसिव ड्रामेटिक एसोसिएशन से एक्टिंग का कोर्स भी किया है।


Bhupali Tamboli के साथ लेखक

कठिन परिश्रम बेहद जरूरी 


क्लासिकल भरतनाट्यम और कथक की प्रसिद्ध नृत्यांगना भूपाली का मानना है कि कठिन परिश्रम से ही सफलता की ऊंचाइयों को छुआ जा सकता है। उन्होंने कहा कि वे जब महज 3 साल की थीं, तभी से नृत्य कर रही हैं। इतनी कम उम्र से भरतनाट्यम सीखने वाली भूपाली ने 10 वर्ष की उम्र में ही अपना पहला सोलो परफार्मेंस दे दिया था। यह सब उनके कठिन परिश्रम का ही तो फल है कि उन्हें महाराष्टÑ रत्न अवार्ड और मुंबई गौरव अवार्ड सहित कई सम्मानों से नवाजा जा चुका है। हैं। इन्होंने झनक नृत्य एकेडमी के माध्यम से कुशल प्रशिक्षण देकर कई विद्यार्थियों को कलाकार बनाया है।
(दबंग दुनिया, मुंबई में प्रकाशित)

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