Annihilation of caste: जातीय ताकत से बनाए गए यातना शिविरों को तोड़ने वाली पुस्‍तक

By   Gulzar Hussain

पहली बार जब मेरी आंखों के सामने इस पुस्तक के पन्ने दर पन्ने खुले थे, मेरे रोंगटे खड़े होते चले गए। मैं इतनी गहराई से प्रभावित करने वाले तर्कयुक्त वैज्ञानिक सिद्धांतों से पहली बार रू-ब-रू हुआ था। पतली सी पुस्तक ‘जाति भेद का उच्‍छेद’ (Annihilation of caste) के हर पन्ने में जातीय भेदभाव से मुक्ति पाने के सबसे सटीक, तार्किक उपाय और विचार मौजूद थे। इस पुस्तक में हर पन्नों के साथ ही वंचित जनों पर अत्याचार करने वालों के षड्यंत्र भी परत दर परत उघड़ते चले जा रहे थे। 

 देश की सबसे बड़ी समस्‍याओं में से एक जातिवाद को मिटाने के लिए इस पुस्तक को स्कूल-कॉलेज के पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने की जरूरत है। ...ताकि इससे देश में ताकतवर जातीय समूह की ओर से होने वाली आॅनर किलिंग और भेदभाव को जड़ से मिटाया जा सके ...ताकि जातीय दंभ का सहारे कोई सत्‍ता कभी जनता पर जुल्‍म न कर सके।
इस पुस्तक को हर बार पढ़ने के बाद यही लगा कि देश के हर छात्र को यह पढ़ना जरूरी है। इस पुस्‍तक में, जो कि बाबासाहेब का एक भाषण का छपा रूप  है, जातीय ताकत से बनाए गए यातना शिविरों को तोड़ने की पूरी क्षमता है। देश की सबसे बड़ी समस्‍याओं में से एक जातिवाद को मिटाने के लिए इस पुस्तक को स्कूल-कॉलेज के पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने की जरूरत है। ...ताकि इससे देश में ताकतवर जातीय समूह की ओर से होने वाली आॅनर किलिंग और भेदभाव को जड़ से मिटाया जा सके ...ताकि जातीय दंभ का सहारे कोई सत्‍ता कभी जनता पर जुल्‍म न कर सके।
पुस्‍तक का कवर


इस पुस्‍तक में  बाबासाहेब आंबेडकर लिखते हैं- ''जातिवाद हिंदुओं का सिरदर्द तो है ही, महामारी की तरह इसने पूरा वातावरण दूषित कर दिया है और सिख, मुसलमान और ईसाई सभी इस रोग से ग्रसित हैं। अत: आपके आंदोलन को इस रोग से ग्रसित सिख, मुसलमान और ईसाई सभी का समर्थन मिलना चाहिए।''  इस पुस्‍तक में वे लिखते हैं- ‘'अंतर्जातीय भोज जातीयता तथा जाति भेद की भावना को समाप्त करने में सफल नहीं हो सके अत: मेरे विचार से इसका इलाज अतंर्जातीय विवाह है। जब तक रक्त संबंध नहीं होगा, लोगों में आत्मीयता उत्पन्न नहीं होगी। और जब तक आत्मीयता अर्थात परिजन होने का भाव उत्पन्न नहीं होता, तब तक जातियों द्वारा उत्पन्न अलगाव का भाव समाप्त नहीं होगा।''


निस्‍संंदेह, बाबासाहेब आंबेडकर ने मानवीय प्रेम, समानता और न्याय के लिए जितनी अधिक गहराई से सोचा और कार्य किया, वह विश्व इतिहास में दुर्लभ है। 
यह सच है कि स्कूल के दिनों में मैं जिन सवालों से सबसे अधिक जूझ रहा था, उनका उत्तर मुझे बाबासाहेब आंबेडकर की किताबों में मिला। आम्बेडकर के क्रांतिकारी विचारों ने मुझे संघर्ष करने के लिए नई राह दिखाई।

...बाबासाहेब आंबेडकर ने मुझे बताया कि जिन लोगों ने साम्प्रदायिक और जातीय घृणा के साथ छुआछूत मानते हुए मेरे हाथ से पानी नहीं पिया, वे इंसान कहलाने के लायक नहीं हैं।
...बाबासाहेब आंबेडकर ने मुझे बताया कि सबसे जरूरी लड़ाई उन सदियों से प्रताड़ित और शोषित- वंचित समुदायों की है, जिन्हें साजिश के तहत शिक्षा, स्वास्थ्य सहित चल-अचल संपत्तियों से बहुत समय तक दूर रखा गया।
युवा हो रही पीढ़ी को सबसे पहले बाबासाहेब की पुस्तक Annihilation of caste सहित उनका समग्र लेखन पढ़ने की जरूरत है।

Comments

  1. डॉ. बाबा साहब आम्बेडकर पर एक बेहतरीन और सटीक आलेख| सचमुच जातिवाद कैंसर की तरह हमारे समाज को जकड़ रखा है| इससे मुक्त होना ज़रूरी है|
    - प्रकाश सिन्हा, मुंबई

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