बाबासाहेब आंबेडकर की बताई राहों पर

मुंबई में बाबासाहेब के विचार वाले पोस्टर। 
File photo/ Gulzar Hussain


गुलज़ार हुसैन

बाबासाहेब की जयंती पर विशेष

मैं जब मुंबई आया था, तो उस समय हर कदम पर एक नया संघर्ष मेरे सामने आ जाता था। आज भी संघर्ष ही अपना साथी है, लेकिन मुंबई में रहते हुए कठिन पलों के बीच आत्मसम्मान के साथ जीने की राह मुझे बाबासाहेब आंबेडकर के विचारों ने दिखाई। मुंबई में पैदल चलते समय यह सोचकर मेरा सीना गर्व से चौड़ा होता रहा कि यही वह धरती है, जहां बाबासाहेब ने संघर्ष करते हुए मानवता का संदेश दिया। 

मुंबई बाबासाहेब की कर्मभूमि रही और यहां मैंने भी पसीना बहाया है। यहां रहते हुए लिखता रहा ...चलता रहा ...जीता रहा। उनकी किताबें मुझमें उत्साह भरती रहीं ...कहती रहीं- कोई इंसान जाति-धर्म के आधार पर न किसी से रत्ती भर छोटा है न बड़ा।

मैं उनके महापरिनिर्वाण दिवस पर हर साल दादर के चैत्यभूमि जाता रहा हूं। वहां शिवाजी पार्क में लगने वाले पुस्तक मेले की बात ही कुछ और होती है। कई आंबेडकरवादी दोस्तो से मिलना तो होता ही है, साथ ही कई लेखकों और एक्टिविस्टों को सुनने को भी मिलता है। नई किताबें भी खरीदने का यह बेहतरीन मौका होता है।

वहीं, मुंबई में बाबासाहेब की जयंती भी बहुत खास तरीके से मनाई जाती है। देर रात से ही मुंबई के गली-कूचों में मंच सज जाते हैं और वहां बाबासाहेब के विचारों को याद किया जाता है। मुंबई में उनके वैचारिक पोस्टर भी लगाए जाते हैं, जो लोगों को अपने हक के लिए प्रेरित करते हैं। 

उनकी जिस किताब से मैं बहुत प्रभावित रहा हूं, वह ‘एनीहिलेशन ऑफ कास्ट’ है। इस पतली सी पुस्तक के हर पन्ने में जातीय भेदभाव से मुक्ति पाने के सबसे सटीक, तार्किक उपाय और विचार मौजूद हैं। दरअसल, बाबासाहेब आंबेडकर का मूल संदेश मानवता है। जातीय वर्चस्व और अन्य भेदभाव के खिलाफ लिखते हुए वे ऐसे बेहतर भारत की बात करते हैं, जहां रत्ती भर भेदभाव किए बिना एक मानव दूसरे मानव से प्रेम करे। एक दूसरे की आजादी और स्वाभिमान का सम्मान करे। 

यकीन मानिए, बाबासाहेब के भारत में मॉब लिंचिंग करने वालों या दंगे-फसाद में वंचितों के घर जलाने-तोड़ने वालों के लिए कोई जगह नहीं है। बाबासाहेब के सेक्युलर संविधान में प्रेम ही प्रेम है, नफरत नहीं है। बस यही आशा हम भारतवासियों को यह मनोबल और आशा देती है कि हर नफरत का अंत होगा और नई पीढ़ी एकता और भाईचारे के रंग में रंगे भारत का परचम दुनिया में लहराएगी।


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