कांग्रेस के घोषणा पत्र का क्या जवाब है भाजपा के पास?



कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दावा किया है कि इसमें कोई वादा झूठ पर आधारित नहीं है। यह तो आने वाला समय बताएगा कि कांग्रेस अपना वादा कितना निभा पाती है, लेकिन इतना जरूर है कि इन वादों का सीधा वार मोदी सरकार पर है। 

viewpoint: Gulzar Hussain
कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र (Congress manifesto) का राजनीतिक दांव फेंककर भाजपा के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। कांग्रेस के घोषणा पत्र में जो वादे किए गए हैं, वह इतनी सूझबूझ के साथ तैयार किए गए हैं, जिनका जवाब देना भाजपा के लिए आसान बिल्कुल नहीं होगा। यदि हम कांग्रेस के घोषणा पत्र के पांच बड़े वादों का जिक्र करें, तो उससे भाजपा पर सीधा निशाना देखा जा सकता है।


कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दावा किया है कि इसमें कोई वादा झूठ पर आधारित नहीं है। यह तो आने वाला समय बताएगा कि कांग्रेस अपना वादा कितना निभा पाती है, लेकिन इतना जरूर है कि इन वादों का सीधा वार मोदी सरकार पर है। इसे इस तरह भी कहा जा सकता है कि मोदी सरकार जिन वादों को पूरा करने में पांच साल में पूरी तरह असफल रही है, उन्हीं मुद्दों पर कांग्रेस ने अधिक फोकस रखा है।


कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र का नाम ‘जन घोषणा पत्र’ रखा है, जिस पर ‘हम निभाएंगे’ लिखा है। यह हम निभाएंगे वाला प्रयोग ही मारक माना जा रहा है। यह अपने आप में सूत्र वाक्य है। हम निभाएंगे कहकर कांग्रेस दरअसल यह कहना चाहती है कि भाजपा ने वादा करके नहीं निभाया, लेकिन हम वादा करके निभाएंगे।


कांग्रेस ने भाजपा पर निशाना साधने वाला घोषणा पत्र तो बनाया है, लेकिन उसके चुनावी गेंद को डिफेंसिव ढंग से खेलने से इनकार किया है। इस घोषणा पत्र में कांग्रेस ने भाजपा का उत्तर नहीं तलाशा है बल्कि अपने एजेंडे को दिखाया है। यह इस बजट की विशेषता है कि कांग्रेस ने अपने एजेंडे पर भाजपा को जवाब देने को विवश भी कर दिया है। अन्य सहयोगी दलों ने भी कांग्रेस के बजट की सराहना की है।


कांग्रेस का राजद्रोह कानून हटाने का वादा मास्टरस्ट्रोक है। यह ऐसा वादा है कि यदि कांग्रेस सत्ता में आई, तो कोई भी छात्र खुलकर कांग्रेस की नीतियों की आलोचना कर सकेगा और उन्हें कोई सजा भी नहीं होगी। दरअसल, कांग्रेस ने घोषणापत्र में अपनी आलोचना करने वालों को राजद्रोह के तहत कैद नहीं करने का वादा किया है। कांग्रेस ने अपना कद भाजपा से ऊंचा कर लिया है, लेकिन भाजपाइयों को यह समझ में ही नहीं आ रहा है।


कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने तो पहले ही गरीबों के खाते में 72,000 रुपए हर साल रकम देने का वादा कर दिया था, लेकिन अब घोषणा पत्र में इसे प्रमुखता से रखकर उन्होंने भाजपा नेताओं की टेंशन बढ़ा दी है। कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनी तो गरीबों के खाते में हर साल 72,000 और पांच साल में 3,60,000 रुपए डाले जाएंगे। इस वादे का कोई काट भाजपा के पास नहीं होगा, क्‍योंकि भाजपा ऐसे वादों के कारण पांच साल में खूब बदनाम हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले सभी के खाते में 15-15 लाख रुपए डालने का जो वादा किया था, उसका खूब मजाक उड़ाया जा चुका है। खुद अमित शाह ने इस वादे को जुमला कह दिया था। अब सवाल यह है कि भाजपा आखिर कैसे खाते में रुपए डालने का वादा करेगी।


कांग्रेस के घोषणा पत्र में किसानों पर प्रमुखता से फोकस डाला गया है। कांग्रेसी घोषणा पत्र के अनुसार किसानों के लिए अलग से बजट होगा और किसानों का कर्ज न चुका पाना अपराध के दायरे से बाहर होगा। इसे बेहद आक्रामक घोषणा माना जा रहा है, क्‍योंकि भाजपा के पास इसका भी कोई काट नहीं है। पिछले पांच सालों में भाजपा ने किसानों से किए एक वादे भी ठीक से पूरे नहीं किए हैं। इसको लेकर भाजपा सरकार को समय- समय पर किसानों के आक्रोश भरे आंदोलनों का सामना भी करना पड़ा है। इसलिए किसानों के मुद्दे पर भी भाजपा पूरी तरह उलझी हुई है।


कांग्रेस घोषणा पत्र के पांच बड़े वादे -


  • 'गरीबी पर वार, हर साल 72 हजार' स्‍कीम के तहत हर वर्ष गरीब वर्ग के 20 प्रतिशत लोगों के खाते में डाले जाएंगे 72,000 रुपए 
  • 22 लाख सरकारी नौकरियां, 10 लाख लोगों को ग्राम पंचायतों में रोजगार, 3 साल तक युवाओं को कारोबार करने के लिए अनुमति की जरूरत नहीं 
  • मनरेगा में काम के दिनों को 150 करने की घोषणा, पहले यह 100 दिन था
  • किसानों के लिए होगा अलग से बजट, किसानों का कर्ज नहीं चुका पाना होगा अपराध के दायरे से बाहर
  • जीडीपी का 6 फीसदी हिस्सा शिक्षा पर होगा खर्च 

Comments

  1. काश कांग्रेस अपने आप को समय रहते सुधार लेती, खैर है तो दोनों एक ही लेकिन फिर भी कुछ फर्क है और वो फर्क कट्टरता और हिटलर शाही के कारण है बीजेपी नीरी शोषण पर ही है धार्मिक उन्माद पर, सही कहा इस के पास जवाब नहीं है जेल है। हां,जनता के पास जवाब है लोकतंत्र लेकिन उसे भी बचाना होगा अभी तो वो भी खतरें में है अगर बचाने में सफल हुए तो बहुत कुछ बनाएंगे।

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