...जब हिटलर के खूंखार सैनिकों से भिड़ गई वह लड़की

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स्टीफन स्पीलबर्ग की फिल्म सिंडलर्स लिस्ट का एक दृश्य एक क्रांतिकारी कविता की तरह दर्शकों के दिलो दिमाग पर छा जाता है।

दरअसल, यह दृश्य सच कहने वाली साहसी लड़की डायना रिटर (Diana Reiter) से जुड़ी सच्ची घटना पर आधारित है।
...तब जर्मनी में हिटलर ने ऐसी सांप्रदायिक सियासत फैलाई थी कि यहूदियों को बिना किसी वजह के मौत के घाट उतार दिया जा रहा था। उस समय यहूदी पोलिश लड़की डायना, जो इंजीनियर थी, उसे लगा कि कारकोव में जो बैरेक का फाउंडेशन बन रहा है, उसका निर्माण बिल्कुल गलत तरीके से हो रहा है। उसने तब के प्रभारी अधिकारी अमोन गोएथ के सामने ही इसका विरोध जताते हुए कहा कि इसे तुरंत फिर से बनाया जाए, नहीं तो यह बाद में गिर जाएगा और बहुत सारे लोग मारे जाएंगे।
गोएथ घोर सांप्रदायिक सरकारी अधिकारी था। उसने घृणा से जवाब दिया कि कोई फर्क नहीं पड़ता है, निर्माण ऐसे ही होगा।
तब डायना ने कहा- मैं यहां की इंजीनियर हूं। मेरी जिम्मेदारी है कि यह कहूं।
गोएथ- अच्छा, तुम पढ़ी लिखी हो।
डायना -हां, ग्रेजुएट हूं।
गोएथ ने उसका मजाक उड़ाते हुए कहा -"पढ़ी लिखी यहूदन, जैसे कार्ल मार्क्स।"
इसके बाद गोएथ की नफरत चरम पर पहुंच गई। उसने अपने सैनिकों को हुक्म दिया कि इसे अभी यहीं गोली मार दी जाए।
डायना ने कहा, मुझे गोली मारने से तुम्हारा कोई फायदा नहीं होगा। यह निर्माण गलत हो रहा है।
लेकिन नफरत की आग में जलते गोएथ ने उसे वहीं पर सिर में गोली मार दी।
हिटलर की नफरत की आग में एक और प्रतिभाशाली लड़की जल गई।
अभिनेत्री एलिना Elina Löwensohn के निभाए इस छोटे से किरदार ने लोगों के रोंगटे खड़े कर दिए थे।
डायना कि मौत के बाद उसी समय गोएथ ने अपने लोगों को हुक्म दिया कि जैसा वह लड़की कह रही थी, उसी तरह से इसका निर्माण करो।
(Gulzar Hussain फेसबुक पर)

Comments

  1. बिल्कुल एक हिटलर को भी सच स्वीकार करना ही पड़ा हालांकि सच बोलने की सजा तुरंत मिली । लेकिन उस सच की आवाज ने बंदूक के बारूद को भी धिक्कार दिया और ये ही एक ताकत कमजोर से कमजोर परिस्थितियों में भी हर इंसान के अंदर होनी ही चाहिए। आपने फिल्म के बेहद ही अहम और सटीक मुद्दे को चर्चा में खड़ा किया है लिख कर। आपको सलाम है आज के दौर में ये लिखना भी सच को बचाने की मुहिम है

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