कैसा बीता 'पथेर पांचाली' के मासूम बच्चे अपू का जीवन?
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अपुर पांचाली फिल्म का एक पल/ सोशल मीडिया से साभार |
क्या आप जानते हैं कि सत्यजीत रे की फिल्म 'पथेर पांचाली' के मासूम बच्चे अपू का जीवन कैसा बीता?
नहीं-नहीं, मैं अपू की फिल्मी कहानी के बारे में नहीं कह रहा हूं, वह तो सत्यजीत रे की trilogy देखकर सब जानते ही हैं। मैं यहां बालक अपू की भूमिका निभाने वाले सुबीर बैनर्जी की बात कर रहा हूं। कोलकाता की किन गलियों में सुबीर उर्फ अपू का बचपन खो गया?... कालजयी फिल्म में काम करके भी वे क्यों गुमनाम बने रहे...?
क्या अपू की असल जिंदगी भी फिल्मी अपू के किरदार जैसी गुजरी? इन्हीं सब तथ्यों की तलाश में बनी अनोखी फिल्म है अपुर पांचाली।
कौशिक गांगुली की यह फिल्म एकदम अलग शैली में कथा कहती है। तीन अलग अलग फ्रेम में कहानी चलती है। एक कहानी सुबीर उर्फ अपू की तलाश की है...दूसरी कहानी अपू की बीती हुई जिंदगी की है और तीसरी है सत्यजीत रे की तीनों कालजयी फिल्मों के अपू पर फिल्माए गए दृश्यों की माला...
अद्भत शैली में कहानी आगे बढ़ती है...और दर्शक हैरान होते चलते हैं कि अरे, अपू की असली कहानी तो अपू की फिल्म वाली कहानी की तरह ही दर्दनाक है।
सत्यजीत रे की फिल्म में अपू की पत्नी की दर्दनाक मौत की तरह ही अपू का किरदार निभाने वाले सुबीर की पत्नी की भी दर्दनाक मौत होती है ...सुबीर की पत्नी का बच्चा मर जाता है, जिसका सदमा उसे बर्दाश्त नहीं होता...और वह अचानक दम तोड़ देती है....
सुबीर अकेला पड़ जाता है। उसकी मां कहती है कि एक नई जिंदगी शुरू करो, लेकिन सुबीर से यह हो नहीं पाता...
समय मिलते ही यह फिल्म देख लीजिए।
(गुलजार हुसैन के फेसबुक पोस्ट से )
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