भारत की राजनीति में महुआ मोइत्रा का होना, देश का जिंदा रहना है
By Gulzar Hussain
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा का भारत की राजनीति में होना गर्व की बात है। जिस तरह से लोकसभा में उन्होंने मोदी सरकार की गिन- गिन कर पोल खोली है, उसे एक ऐतिहासिक मोमेंट कहा जा सकता है। जिस तरह भारत में सांप्रदायिकता और पूंजीवाद के तले लोगों को को घुटन भरे माहौल में रहने को मजबूर किया जा रहा है, उन सियासी साजिशों का पर्दाफाश जरूरी था। मोइत्रा ने केंद्र सरकार पर कायरता को साहस के रूप में परिभाषित करने का आरोप लगाया है, जो ऐसे समय में एक साहस भरा काम है।
ऐसे समय में जब संसद में जन आंदोलनकारियों को परजीवी कहकर मजाक उड़ाया जा रहा हो, तब लोकसभा में महुआ को सुनना ऐतिहासिक लम्हा था।
महुआ ने वर्तमान समय में सत्ता की हर नीति की पोल खोल कर रख दी। मुझे ध्यान नहीं आता कि पिछले एक दशक में इस तरह किसी अन्य महिला नेता ने सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ लोकसभा में खुलेआम इतने गंभीर तरीके से चोट करते हुए जेनुइन मुद्दे पर घेरा है।
मोइत्रा (Mahua Moitra) ने लोकसभा के अंदर कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लाना, अर्थव्यवस्था की स्थिति और बहुमत के बल पर तीन कृषि कानून (Farm Laws) लाना ही सबसे बड़ा उदाहरण है कि कैसे मोदी सरकार कायरता को साहस के रूप में परिभाषित कर रही है। मोइत्रा ने सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की भी आलोचना की तो इसका भाजपाइयों ने जोरदार विरोध भी किया।
मोइत्रा ने कहा कि कुछ लोग सत्ता की ताकत, कट्टरता, असत्य को साहस कहते हैं। उन्होंने कहा कि इस सरकार ने दुष्प्रचार और गलत सूचना फैलाने को कुटीर उद्योग बना लिया है। उन्होंने मोदी सरकार पर व्यंग्य करते हुए कहा कि इनकी सबसे बड़ी सफलता ‘कायरता को साहस के रूप’ में परिभाषित करना है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने एकतरफा ढंग से नागरिकता संशोधन कानून बनाने का काम किया लेकिन काफी समय गुजर जाने के बाद भी इसके नियमों को अधिसूचित नहीं कर पाई। उन्होंने आरोप लगाया कि साल 2020 में भारत सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला देश रहा और अब दो वर्षो तक अर्थव्यवस्था में वृद्धि नहीं हो पाएगी।
मोइत्रा ने तीन नए कृषि कानूनों के बारे में कहा कि यह कानून बिना आम-सहमति और बिना समीक्षा के ही लाया गया और बहुमत के बल पर लाया गया।
इससे पहले जून 2019 का महुआ मोइत्रा का भाषण मीडिया का असली चेहरा दिखा चुका है।
मीडिया पर कंट्रोल होने की पोल खोलते हुए मोइत्रा ने अपने भाषण में कहा था-"आज मास मीडिया अकल्पनीय रूप से अधीन है और कब्जे में है। पांच बड़ी मीडिया ऑर्गनाइजेशन अप्रत्यक्ष रूप से देश के एक आदमी के कंट्रोल में है। टीवी चैनल रूलिंग पार्टी के प्रोपगैंडा फैलाते रहते हैं और विपक्ष के कवरेज को कट कर देते हैं। सरकार को यह बताना होगा कि वह हर मीडिया हाउस से किस तरह डील करती है।"
उन्होंने आगे कहा था- "सूचना प्रसारण मंत्रालय के 120 से अधिक कर्मचारी इस काम पर लगाए गए हैं कि वे टीवी चैनलों को प्रतिदिन चेक करते रहें और यह सुनिश्चित करें कि कहीं कुछ मोदी सरकार के खिलाफ तो नहीं दिखाया जा रहा।"
मोइत्रा ने टीवी के जरिए सत्ता के झूठ फैलाए जाने पर कहा-"यह सरकार अपनी हर झूठ को दिखाकर उसे सच बनाने की कोशिश में लगी रहती है। यही है गोएबल्स की नीति।"
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