संकट के समय जीने का हौसला देती किताब

संकट के समय कुछ किताबें आपको जीने का हौसला देती हैं। हेलन केलर की आत्मकथा भी ऐसी ही रोशनी मुझे दे रही है। 
यह एक ऐसी लड़की की कहानी है, जिसमें देखने, सुनने और बोलने क्षमता नहीं है, लेकिन वह लोगों के दुख, तकलीफ और अन्याय को देख पाती है ...वह वंचित जनता के हकों के लिए आंदोलनों में भाग लेती है ... वह मजदूरों, खेतिहर किसानों के हक के लिए झकझोरने वाले लेख लिखती है। 
एकबार एक कट्टर व्यक्ति ने उसके बारे में कहा कि शारीरिक रूप से कमजोर हेलन को आंदोलनों में हिस्सा नहीं लेना चाहिए, तो हेलन ने जवाब दिया- "आंखें होते हुए भी न देख पाना दृष्टिहीन होने से कहीं ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण है।"
मैं ज्यों-ज्यों इस पुस्तक में खोता जा रहा हूं, त्यों-त्यों समंदर सा मजबूत साहस मेरे अंदर हिलोरें लेता हुआ महसूस हो रहा है।
इस पुस्तक की हर पंक्ति कहती है मुझसे ...उठो, आगे बढ़ो।
-गुलज़ार हुसैन

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